Published By : Pravesh Gautam
Dec 28,2018 | 02:33:24 pm IST | 14737
प्रवेश गौतम, भोपाल। मंगलवार को कमलनाथ कैबिनेट में शपथ लेने वाले विंध्य के एकलौते मंत्री कमलेश्वर पटेल शुक्रवार को अमरपाटन एवं मैहर होते हुए अपने गृह जिले सीधी पहुंच रहे हैं। मैहर व अमरपाटन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया एवं उनके स्वागत के लिए जगह जगह पोस्टर आदि भी लगवाए गए थे। लेकिन शुक्रवार शाम तक सीधी में उनके स्वागत को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने कोई खास रुचि नहीं दिखाई, शायद इसलिए शहर में स्वागत पोस्टर और बैनर कम ही दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीधी जिला कांग्रेस कमेटी कमलेश्वर पटेल के मंत्री बनने से खुश नहीं है?
गौरतलब है कि सीधी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 'राहुल' का बड़ा दबदबा माना जाता है। वहीं जिले में कांग्रेस के लगभग सभी पदाधिकारियों की नियुक्तियां अजय सिंह की सिफारिश से की जाती रहीं हैं, जिसके कारण सीधी जिला कांग्रेस कमेटी में ठाकुरवाद भारी रहा है। वर्तमान में भी कांग्रेस जिला कमेटी में ठाकुरों का बोलबाला है। हालांकि अजय सिंह 'राहुल' इस बार चुरहट से विधानसभा चुनाव हार गए हैं। साथ ही पूरे विंध्य की 30 सीटों में से कांग्रेस केवल 6 सीटों पर ही अपना परचम लहरा पाई।
25 दिसंबर को मप्र की कांग्रेस सरकार में विंध्य के निवार्चित विधायकों में से सिंहावल विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले कमलेश्वर पटेल को मंत्री पद दिया गया। मंत्री बनने के बाद पटेल पहली बार अपने गृह जिला सीधी जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस कमेटी की ओर से पदाधिकारी ने उनके स्वागत के लिए कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।
कुछ राजनितिक विश्लेष्कों का मानना है कि सीधी में पार्टी के अंदर ठाकुरवाद हावी है। वहीं पटेल अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। शायद पिछड़े वर्ग के नेता को ठाकुर लॉबी सम्मान देना नहीं चाहती। यदि ऐसा है तो आगमी लोकसभा चुनाव में, यह कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। यहां जानना जरुरी है कि कमलेश्वर पटेल के पिताजी स्व. इंद्रजीत पटेल भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। और विंध्य के कद्दावर नेताओं में उनकी गिनती होती रही है। इसी का नतीजा रहा कि कमलेश्वर पटेल दूसरी बार विधायक बने। वहीं पिछड़ा वर्ग में पटेल परिवार की खासी पकड़ है।
दबी जुबान यह भी कहा जा रहा है कि जिला कांग्रेस कमेटी में अजय सिंह गुट के पदाधिकारी अपने नेता को नाराज नहीं करना चाहते, इसलिए कोई भी आगे बढ़कर उनके स्वागत से लिए गंभीर नहीं हो रहा। तो क्या यह मान लिया जाए कि पिछड़े वर्ग से आने वाले कमलेश्वर पटेल को मंत्री बनाने से ठाकुरवादी नेता खुश नहीं हैं? जबकि मैहर, अमरपाटन एवं चुरहट सहित अन्य क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग, ब्राह्मण एवं अन्य कई समाज के कांग्रेस नेताओं ने कमलेश्वर पटेल का खुलकर स्वागत किया।