Published By : Pravesh Gautam
May 08,2017 | 05:50:32 pm IST | 9022
प्रवेश गौतम, भोपाल। पिछले एक महीने से लगातार भोपाल के महापौर आलोक शर्मा लोगों की समस्या के त्वरित निराकरण के लिए राजधानी में चौपाल का आयोजन का कर रहे हैं। इसमें महापौर द्वारा लोगों की समस्या व शिकायतों के निराकरण के लिए नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाते हैं। इतना ही नहीं निराकरण के लिए समयसीमा भी निधार्रित की जाती है। इसमें कोई शक नहीं है कि महापौर की इस चौपाल से लोगों की समस्या का निराकरण समय पर हो रहा है और उन्हें अधिकारियों व दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे।
हालांकि इस चौपाल का उद्देश्य जन समस्या का निराकरण ही था, लेकिन भोपाल के विधायकों ने इसे राजनिति से जोड़कर देखना शुरु कर दिया। इतना ही नहीं विधायकों ने इसे, उनके क्षेत्र में महापौर की घुसपैठ तक मान लिया। जिसके बाद कई क्षेत्रों के विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसी की चौपाल लगाना शुरु कर दिया। उसके बाद स्वयंभू इसका प्रचार भी जोरों से करने लगे।
राजनितिक पंडितों एवं विश्लेष्कों ने मध्यप्रदेश की राजधानी में चल रहे चौपाल को एक खेल मानते हुए कह दिया कि इस चौपाल ने कई विधायकों की चौसर को प्रभावित कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भी लगाई चौपाल
महापौर की पहली चौपाल के तुरंत बाद ही गोविंदपुरा विधानसभा सीट से विधायक एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाला गौर ने अपने क्षेत्र में चौपाल का आयोजन कर लिया। हालांकि इस चौपाल में नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज सहित नगर निगम के कई अधिकारी भी मौजूद रहे, पर समस्या के निराकरण हुए या नहीं, इस पर अभी भी संशय बना हुआ है।
हुजूर विधायक भी हुए शुरु
महापौर की चौपाल से चिंतित भोपाल की हुजुर विधानसभा सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी पिछले दिनों अपने क्षेत्र में चौपाल का आयोजन कर दिया। लेकिन उनकी इस चौपाल से नगर निगम के प्रमुख अधिकारी नदारद रहे। इस पर विधायक रामेश्वर शर्मा ने नाराजगी भी व्यक्त की। हालांकि इस चौपाल में मूल भूत समस्या कम अन्य समस्याएं ज्यादा सामने आईं। वहीं प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार ज्यादातर मामले पुराने थेख् जिसपर पहले से ही काम हो रहा है।
मध्य विधायक ने तो चौपाल का मुआयना तक किया
भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह को चौपाल का इतना खौफ बैठा कि वह एक दिन स्वयं महापौर के साथ उनकी चौपाल में शामिल हुए। राजनितिक पंडितों ने विधायक की इस मौजूदगी पर भी सवाल उठाए कि यह जन समस्या के निराकरण में सहयोग देने के लिए थी या फिर कुछ और।
बिगढ़ने लगी सबकी चौसर
महापौर की चौपाल ने भोपाल के इन विधायकों की राजनैतिक चौसर का खेल बिगाढ़ना शुरु कर दिया है। सबको अब टिकट पर खतरा दिख रहा है। सबसे ज्यादा सुरेन्द्र नाथ सिंह और बाबूलाल गौर चिंतित है। इसी के चलते गौर ने अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा अभी से कर दी है। वहीं सुरेन्द्र नाथ सिंह ने अपनी सीट को गंवाई हुई मानकर नगर निगम के एक नेता को अपने उत्तराधिकारी के रुप में प्रमोट करने में लगे हैं।